📰 Operation Mahadev: पहलगाम हमले पर भारत की निर्णायक कार्रवाई, 3 आतंकी ढेर
जम्मू-कश्मीर में चलाया गया ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev) अब भारत की सुरक्षा रणनीति का एक ऐतिहासिक पड़ाव बन चुका है। यह सिर्फ एक मुठभेड़ नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक सटीक और संगठित अभियान था।

📍 ऑपरेशन की शुरुआत और खुफिया सुराग
11 जुलाई 2025 को डाचीगाम नेशनल पार्क के पास एक संदिग्ध संचार पकड़ा गया। इस सूचना के बाद सेना ने सतर्कता बढ़ा दी और लिदवास क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन तेज़ कर दिया। 17 दिन तक चले इस तलाशी अभियान के बाद 28 जुलाई को आतंकियों के ठिकाने का पता चला।
🔫 मुठभेड़ की कार्रवाई
सेना की 24 राष्ट्रीय राइफल्स और 4 पैरा कमांडोज़ की संयुक्त टीम ने लिदवास के जंगलों में तीन आतंकियों को घेरकर ढेर कर दिया। मुठभेड़ में M4 कार्बाइन, दो AK-47, हथगोले और भारी मात्रा में खाद्य सामग्री बरामद की गई। इससे यह साफ हुआ कि आतंकी लंबे समय से जंगलों में छिपे हुए थे।

🧠 आतंकी नेटवर्क का खुलासा
जांच में पता चला कि दो स्थानीय नागरिक — परवेज़ अहमद और बशीर अहमद जोथर — ने आतंकियों को पनाह और रसद दी थी। पकड़े गए सुराग से यह भी सामने आया कि मारे गए आतंकी 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में शामिल थे, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। एक आतंकी की पहचान सुलेमान शाह के रूप में हुई है, जो लश्कर–ए–तैयबा से जुड़ा था और पाकिस्तान की पूर्व सेना का कमांडो रह चुका था।
🎯 ऑपरेशन की रणनीति और परिणाम
Operation Mahadev पूरी तरह सेना, जम्मू–कश्मीर पुलिस और CRPF का संयुक्त अभियान था। खुफिया इनपुट और बेहतर तालमेल के कारण यह ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा। IGP विधि कुमार बिर्डी के अनुसार, यह अभियान अब भी जारी है और अन्य सहयोगियों की तलाश की जा रही है।
✈️ जवाबी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर
इस बीच, भारतीय वायुसेना ने एक अलग अभियान — Operation Sindoor — के तहत नौ आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इस ऑपरेशन के बाद सीमावर्ती इलाकों में भारी तनाव बना रहा।
🗣 सरकार और जनता की प्रतिक्रिया Operation Mahadev पर
जम्मू–कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुरक्षा बलों की सराहना की और कहा कि ऐसे ऑपरेशन घाटी में स्थायी शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। सोशल मीडिया पर #OpMahadev ट्रेंड कर रहा है, जहां आम जनता ने सेना की बहादुरी को सलाम किया।
🔚 निष्कर्ष
Operation Mahadev भारत की सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता, संगठन और रणनीतिक क्षमता का प्रमाण है। यह ऑपरेशन दर्शाता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ न सिर्फ़ सजग है, बल्कि निर्णायक भी है — और आतंक के किसी भी चेहरे को बख्शा नहीं जाएगा।
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